हर साल का IPL बिते हुए IPL से ज्यादा मनोरंजक और रोमांचित होता है या फिर हम सभी को ऐसा लगता है, खैर हर बढते साल के साथ IPL नई बुलिदंयों पर विराजमान होता रहा है। आज के समय में IPL दुनिया भर में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला लीग है और साथ में IPL कि सबसे ज्यादा ब्रांड वैल्यु है। हर साल IPL अपने तय सीजन के साथ जुडने के लिए वापस से अपने चाहने वालो के बिच आ जाता है, लोगो की माने तो IPL उनके लिए त्योहार की तरह है और त्योहार हमारे मनोरंजन के लिए ही होता है, ऐसे में हर कोई इस त्योहार के साथ जुडकर इस त्योहार का आनंद उठाता है।
आज क्रिकेट में अगर किसी लीग की सबसे ज्यादा बात और इतंजार होता है तो वो है IPL(भारत का अपना लीग), आज के समय में IPL की सबसे ज्यादा ब्रांड वैल्यु और इसकी वजह है IPL की फेनबेस(Fanebase) साथ क्रिकेट मे इस लीग का योगदान और सबसे अहम बात खिलाडीयों के लिए एक बेहतर मंच। बढते सालो के साथ IPL ने लोगो के दिल पर राज करना शुरु कर दिया है और हर कोई इस लीग का फैन हो गया है, IPL की लोकप्रियता में कई सारे फैक्टर है लेकिन दो फैक्टर लोगो के बिच मे एक अहम रोल अदा करता है।
पहला फैक्टर ये है की क्रिकेट में IPL एक अनोखा लीग है, जहा हर दूसरे दिन हर दूसरी टीम जीत के लिए मैदान पर लड रही होती है और ये इस लीग को और सभी लीग से बेहतर बनाती है। दूसरा कारण है की IPL लोगो के लिए मनोरंजन का बेहतर स्त्रोत है, जो आज के समय में लोगो कि असल जरुरत है क्योकि मनोरंजन हर किसी को पसंद है और क्रिकेट तो लोगो का धर्म है। आज हम बात करेंगे पहली वजह की, IPL में कई ऐसी बातें है जो इस लीग को औरो से ज्यादा बेहतर और अलग बनाती है।
इस बात को अलग तो नही कहेंगे लेकिन एक बेहतर नियम हो सकता है, IPL या फिर किसी भी बडें टूर्नामेंट में प्वाइंट टेबल और रैंकिंग काफी अहम होती है। आमतौर पर प्वाइंट टेबल और रैंकिंग हरेक बडे टूर्नामेंट में उपलब्ध होता है औऱ कई बार रैकिंग कई टीम के लिए वरदान भी साबित होती है, रैंकिंग की वजह से ही कई बार टीम को टूर्नामेंट में आगे बढने का मौका मिल जाता है।
IPL में भी प्वाइंट टेबल और रैंकिंग काफी मायने रखती है और इस का गवाह मुंबई इंडियंस टीम है जो रैंकिंग में हर बार फेर-बदल करने के लिए जाना जाता है। चलिये जानते है प्वाइंट टेबल के बारे मे, एक बात तो हम सभी जानते है की प्वाइंट टेबल क अनुसार किसी भी टूर्नामेंट मे जीतने वाली टीम को दो अंको का फायदा होता है और ये दो अंक हारने वाली टीम के खाते से निकालकर दिया जाता है। अगर मैच ड्रा या टाई हो जाता है तो दोनो टीमो को एक-एक अंक के साथ संतोष करना पडता है। प्वाइंट टेबल का यही एक सीधा-सा हिसाब है और अक्सर टूर्नामेंट में प्वाइंट टेबल के मदद से ही टीमें आगे का सफर तय करती है।
आइए अब रुख करते है रैकिंग की ओर, अगर गौर किया जाये तो आप को एक बात चलता है और वो है की प्वाइंट टेबल और रैंकिंग मे कुछ ज्यादा फर्क नही होता है और प्वाइंट टेबल के साथ रैंकिंग भी शुरु हो जाती है। प्वाइंट टेबल के मदद से ही रैंकिंग मुमकिन हो पाती है, प्वाइंट टेबल के लिए कई अलग फैक्टर होते है। प्वाइंट टेबल सिर्फ प्वाइंट के आधार पर ही काम नही करता है बल्कि इसमे अंक के साथ नेट रन-रेट को भी ध्यान मे रखा जाता है और इसके बाद ही रैंकिंग की जाती है, अगर सरल शब्दो में कहें तो रैकिंग के लिए प्वाइंट टेबल का होना जरुरी है और प्वाइंट टेबल में नेट रन-रेट काफी अहम होता है। कई बार टीमो के लिए नेट रन-रेट टूर्नामेंट में आगे बढने मे मददगार साबित होता है।