क्रिकेट के खेल में हमेशा उस खिलाड़ी को टीम के नेतृत्व की जिम्मेदारी दी जाती है, जिस पर पूरी टीम को भरोसा होता है और कप्तान को सबसे पहले ड्रेसिंग रूम का मौहाल ठीक रखने के साथ मैदान पर अपने काम को बखूबी ढंग से करना होता है।
भारतीय टीम की इस समय तीनों ही फार्मेट में कप्तानी की जिम्मेदारी विराट कोहली के कंधो पर है, जो वर्तमान में विश्वकप सबसे शानदार बल्लेबाज़ हैं लेकिन कप्तान के रूप में उन्हें अभी तक उतनी सफलता मिलते हुए नहीं देखी जा रही जैसा कि उनसे उम्मीद थी, क्योंकि उनके कुछ फैसले हर एक की समझ में कभी-कभी नहीं आते हैं।
विश्वकप में भारतीय टीम की सेमीफाइनल में हार के बाद लगातार ये बात चल रही थी, कि कोहली को लिमिटेड ओवरो में अपनी कप्तानी छोड़ देनी चाहिए जिससे उनके उपर भी दबाव थोड़ा कम होगा लेकिन अभी ऐसा होता नहीं दिख रहा हैं, लेकिन हम यहां टी20 फार्मेट के बारे में बात करने जा रहे हैं, जिसमें हम बात करेंगे कि आखिर विराट को क्यों टी20 में कप्तानी छोड़ देनी चाहिए।
यहां पर देखिए उन 5 कारणों के बारेः
#1 वर्कलोड को ध्यान में रखते हुए
आईपीएल 2019 के सीज़न से पहले इस बात को लेकर काफी चर्चा थी, कि कोहली एक कप्तान के रूप में अधिक सफल नहीं हो पा रहे हैं और इसका सबसे बड़ा रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का खराब प्रदर्शन भी था और इसमें सभी का मानना था, कि कोहली उस तरह से नहीं खेल पा रहे जैसा वह पहले खेला करते थे।
जिसके बाद कोहली को लगातार मीडिया और फैंस की आचोलना का शिकार होना पड़ रहा था। आईपीएल का पिछला सीज़न खत्म होने के बाद कोहली ने 14 मैचो में 464 रन जरूर बनाये थे, लेकिन उनके स्तर को देखते हुए यह काफी कम था।
ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड जैसी टीम पिछले कई सालों से अलग-अलग फार्मेट के लिए अलग कप्तान रखते हैं और इस समय जहां ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट में टिम पेन कप्तानी कर रहे हैं, तो एरोन फिंच कंगारू टीम की लिमिटेड ओवरो में कप्तानी करते हैं, वहीं बात करी जाए इंग्लैंड की तो जो रूट टेस्ट में जहां कमान संभालते हैं, वहीं ऑयन मार्गन लिमिटेड फार्मेट में।
इसी तरह के कदमों पर चलकर भारतीय टीम को भी लाभ मिल सकता है और कोहली को टी20 फार्मेट में कप्तानी के भार से खुद को मुक्त करना होगा जिससे वह अधिक अपने खेल की तरफ ध्यान लगा सकेंगे।
#2 महत्तवपूर्ण समय पर होती हैं, गलतियां
हाल में ही खत्म हुए आईसीसी वनडे विश्वकप 2019 में भारतीय टीम का सफर सेमीफाइनल तक ही रहा जिसमें उसे न्यूज़ीलैंड से हारकर बाहर होना पड़ा। इस मैच में कोहली के कई फैसले किसी की समझ में नहीं आये जिसमें शुरूआती विकेट जल्द गिरने के बाद भी महेंद्र सिंह धोनी को देर से बल्लेबाज़ी के लिए और धोनी जिस तरह से खेल रहे हैं, उसके बाद तो यह फैसला सभी की आलोचना का शिकार बन गया।
वहीं आईपीएल के इस सीज़न की बात करी जाए तो उसमें आरसीबी की टीम मुम्बई के खिलाफ अपना लीग मैच खेल रही थी, जिसमें मुम्बई की टीम 171 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही थी और उसे आखिरी 12 गेंदो में जीत के लिए 22 रन चाहिए थे और विराट के पास काफी सारे विकल्प थे लेकिन विराट ने गेंद पवन नेगी को सौंप दी जिनके उस ओवर में हार्दिक पांड्या ने पूरा मैच ही लगभग खत्म कर दिया।
इस फैसले को लेकर काफी सवाल खड़े हुए थे, कि क्या गेंदबाज़ी कोच आशीष नेहरा के कहने पर विराट ने ऐसा किया था, लेकिन विराट ने बाद में इस बात को स्वीकार किया था, कि यह पूरा फैसला उन्हीं का था।
#3 टीम का चयन सही तरीके से ना कर पाना
चाहे टेस्ट मैच हो या टी20 उसमें आपको अपने खिलाड़ियों पर पूरी तरह से भरोसा होना चाहिए जिससे टीम की सफलता का प्रतिशत काफी बढ़ जाता है। अच्छी टीम हमेशा सही समझ के साथ फैसला लेती है, लेकिन विराट के साथ ऐसा कम ही देखा गया है, खासकरके टी20 क्रिकेट में और वह उस तरह की टीम इस फार्मेट में कभी तैयार नहीं कर सके जिनके उपर उन्हें पूरा भरोषा हो।
लगातार काफी बदलाव करना एक यह भी बात दर्शाता है, कि कप्तान को अपनी टीम पर बिलकुल भी भरोषा नहीं है और किसी भी नये खिलाड़ी के उपर अच्छा प्रदर्शन का काफी दबाव बना सकता है, खासकरके टी20 में जहां पर तेज़ी से मैच काफी जल्दी बदल जाता है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण हम आरसीबी की टीम के रूप में ले सकते हैं।
#4 रोहित शर्मा का इस फार्मेट में है, अच्छा रिकॉर्ड
जब 2013 में मुम्बई इंडियंस की टीम ने रोहित शर्मा को अपनी टीम का कप्तान नियुक्त किया था, तो उस समय काफी सारे लोगो के लिए यह चौकाने वाला फैसला था, लेकिन उसके बाद रोहित की कप्तानी ने टीम ने 4 बार आईपीएल ट्रॉफी पर कब्जा किया और वह अभी तक आईपीएल के इतिहास में सबसे सफल कप्तान हैं।
सिर्फ आईपीएल ही नहीं रोहित शर्मा का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी कप्तान के रूप में अच्छा रिकॉर्ड है और रोहित ने भारत के लिए 10 वनडे मैचो में कप्तानी करते हुए 8 में जीत दिलाने का काम किया है, इसके अलावा टी20 में रोहित ने 15 मैचो में कप्तानी की है और उसमें टीम ने 12 में जीत हासिल की है।
सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोहली ने 77 वनडे मैचो में कप्तानी की है, जिसमें 56 मैच में जीत हासिल की है, लेकिन 22 टी20 मैचो में सिर्फ 12 में ही टीम जीत हासिल कर सकी है, जिस कारण रोहित इस टी20 फार्मेट में भारत के लिए एक अच्छे कप्तान साबित हो सकते हैं।
#5 अगले साल टी20 विश्वकप की तैयारी
साल 2020 के अक्टूबर महिने में आईसीसी टी20 विश्वकप का 7 वां संस्करण ऑस्ट्रेलिया में खेला जाएगा और सही मायने में देखा जाए तो इसके लिए अब एक साल से भी कम का समय बचा है और टीम मैनेजमैंट के लिए इस बड़े इवेंट को लेकर अभी से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।
इसके अलावा विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की भी अगस्त के महिने से शुरूआत हो जाएगी और यह अलग-अलग फार्मेट में कप्तान नियुक्त करने का सबसे सही समय हैं। जहां विराट कोहली को टेस्ट और वनडे में कप्तान रहने दिया जाए वहीं रोहित शर्मा को टी20 में कप्तान नियुक्त करना चाहिए।
अगले साल होने वाले टी20 विश्वकप से पहले भारतीय टीम को 20 टी20 मैच खेलने का मौका मिलेगा जो एक नये कप्तान को अपनी टीम तैयार करने का पर्याप्त समय होगा। 2013 में आखिरी बार भारतीय टीम ने कोई आईसीसी ट्राफी जीती थी और शायद टी20 में कप्तान बदलने का फैसला टीम के लिए काम कर सकता है।
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